अज्ञान का तम हरने को -निज ज्ञान की ज्योति जलानी है दे सबका साथ करना है विकास -सच्ची आ अज्ञान का तम हरने को -निज ज्ञान की ज्योति जलानी है दे सबका साथ करना है विकास...
हे ईश..तेरे विश्व का निर्माण कितना सिद्ध है होता गगन से नित्य ही.....विश्वात्मा का संच हे ईश..तेरे विश्व का निर्माण कितना सिद्ध है होता गगन से नित्य ही.....विश्वात्...
मंदिर में शंख फूंक दो या अजान पढ़ दो, नहीं कोई बैर अब, ऐसा कोई जयघोष कर दो। मंदिर में शंख फूंक दो या अजान पढ़ दो, नहीं कोई बैर अब, ऐसा कोई जयघोष कर दो।
अगर दीप जलाना है हमको तो पहले प्रेम की बाती लाएं अगर दीप जलाना है हमको तो पहले प्रेम की बाती लाएं
यौवन जल किंचित नही प्राप्त भाग्य दुर्भाग्य एकाकी वीरान यौवन जल किंचित नही प्राप्त भाग्य दुर्भाग्य एकाकी वीरान
नफ़रत खाना, नफ़रत पीना, वो नफ़रत ही ओढ़ेंगे। नफ़रत खाना, नफ़रत पीना, वो नफ़रत ही ओढ़ेंगे।